दोस्तों आपको बता दे की दुनिया के मशहूर शेयर मुनव्वर राणा का निधन 14 जनवरी को हो गया है मुनव्वर राणा अब इस दुनिया में नहीं रहे दोस्तों आपने इनकी पंक्तियां तो सुनी ही होगी” जब तक है डोर हाथ में तब तक का खेल है अच्छी तो होगी तुमने भी पतंगे काटी हुई” बहुत ही मशहूर पंक्ति थी दोस्तों इनका निधन रविवार रात करीब 11बजे लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में इनका इंतकाल हो गया आपको बता दे कि उनकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब रहती थी काफी लंबे समय से यह बीमार थे बताया जा रहा है कि मुनव्वर राणा आपको रात में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया बताया जा रहा है की मुनव्वर राणा अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनकी कला उनकी कहीं बातें हमारे बीच हमेशा जिंदा रहेंगे वह बहुत ही अच्छे शायर तो बहुत ही अच्छे सिंगर भी थे उनकी यादें हमेशा हमारे साथ जुड़ी रहेंगी । दोस्तों बताया जा रहा है कि मुनव्वर राणा को हार्ट अटैक कल रात में आ गया उनका काफी साइड में से इलाज चल रहा था और उनको इसके पहले दो बार हार्ट अटैक आ चुका है लेकिन वह दवाइयां के बलबूते अभी तक चल रहे थे लेकिन यह तीसरा अटैक था जिससे वह चल बसे।

दोस्तों उनकी कहीं गई एक शायरी याद आती है कि “किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकान आई मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आई “जी हैं शायरी है लोग बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैं

दीगर है कि मुनव्वर राणा ने मां और देश के बंटवारे पर जो “मुजाहिरनामा” लिखा है वह आज भी लोगों के जुबान पर हैं । आपको बता दें की इनका जन्म 26 नवंबर 1952 में उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हुआ था और उनकी मृत्यु 14 जनवरी 2024 में हुई मुनव्वर राणा ने 71 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस लिया । मुनव्वर राणा को 2014 में उन्हें उनकी कविता पर शाह दवा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था मुनव्वर राणा उत्तर प्रदेश में ही जन्मे थे लेकिन उन्होंने अपना ज्यादा से ज्यादा जीवन पश्चिम बंगाल के कोलकाता में बिताया मुनव्वर उर्दू शायर थे लेकिन अपने शेरों को अवधि और हिंदी भाषा में भी प्रमुखता प्रयोग करते थे जिस कारण उन्हें भारतीय बहुत ज्यादा पसंद करते थे और उनकी लोकप्रियता भारतीय के लिए बहुत ही ज्यादा बनी हुई थी मुनव्वर साहित्यकार के साथ-साथ एक उम्दा शैली के भी शेयर थे उनकी कलम में हमेशा प्यार का हिस्सा और मां का हिस्सा जरूर होता था वह नंबर ने उर्दू साहित्य में भारत प्राप्त किया और 2012 के सहित शोध संसाधन द्वारा माटी रतन नवाजा गया था ।

साहित्यकार मुनव्वर राना की बेटी सुमैया राना ने बताया की मेरे पिता जी का निधन हो गया है जिसका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा और आपको बता दे की मुनव्वर हसन के परिवार में उनकी पत्नी और चार बेटियां और एक बेटा भी है ।

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